1) बेख़बर थे वो उन्हें खबर ना थी, देखा ना होगा मुझ दीवाने को….
आँखें थी जो कह गयी सब, वो समझ ना सके इशारो को…….
2) तिल भी क्या चीज है,
जो गुड़ पर लगा वो गजक हो गया…
जो गाल पर लगा तो गजब हो गया…
3) दिलों की बात करता है ज़माना…
पर मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होती है..!!!
4) हल्के में तुम मत लेना, सांवले रंग को…
दूध से कहीं ज्यादा होते हैं लोग, शौक़ीन चाय के !!!
5) बात भी करनी है उससे, पर बात क्या कीजिये…
चाय सा साँवला रंग है, अब मोहब्बत ना कीजिये तो क्या कीजिये..
^) चाय सा इश्क़ किया है मैंने तुमसे,
सुबह शाम ना मिलो तो सिरदर्द सा रहता है…
7)काश ये मोहब्बत भी तलाक की तरह होती… तेरे है… तेरे है… तेरे है… कह कर तेरे हो जाते….
8)अब तो वो ही होगा जो दिल फरमाएगा,
बाद में जो भी होगा देखा जायेगा…..
9) लगता बेख़बर सा हूँ लेकिन ख़बर में हूँ,
अगर मैं तेरी नज़र में हूँ तो सबकी नज़र में हूँ…..
10)देख दुनिया तबाही के मोड़ पर खड़ी है,
और मुझे अभी भी तेरी ही पड़ी है…..
11) इतना क्यों याद करते हो तुम हमें,
यूँ वक़्त बेवक़्त हिचकी आना हमे पसंद नहीं….
12) यूँ संभाल कर रखा है आँखों मे तस्वीर को तुम्हारी….
जो ज़माने को दिख गयी तो नज़र लग जायेगी…..
13) अब तो खुदा ही बातये की कैसे मुकम्मल होगा हमारा इश्क़,
क्योकि शायरी तो वो समझते नहीं और अदायें हमें आती नहीं…..
14) बेख़बर थे वो उन्हें खबर ना थी, देखा ना होगा मुझ दीवाने को….
आँखें थी जो कह गयी सब, वो समझ ना सके इशारो को……
15)इस क़दर लगा लेंगे तुमको सीने से अपने,
की हवा भी दरख़्वास्त करेगी गुज़रने के लिये…..